हरप्रीत सिंह राणा
बहू-बेटे ने बापू की चारपाई पशुओं के बाड़े में डाल दी। एक दिन सुबह-सुबह खुशी में मस्त बेटा मिठाई का डिब्बा ले बापू के पास जाकर बोला, “बापू! बधाई हो! तेरे पोता हुआ है।”
बापू एकटक बेटे की ओर देखता रहा।
“क्या बात बापू, तुझे खुशी नहीं हुई?” बेटा बापू के व्यवहार से झुँझला कर बोला।
“पुत्तर! खुशी तो बहुत है…पर मैं तेरे बारे में सोच रहा हूँ…”
“क्या बापू? बेटे ने उत्सुकता से पूछा।
“अब मेरे बाद इस चारपाई का वारिस तूने ही बनना है…।”
बापू की व्यंग्यभरी बात के आगे बेटा निरुत्तर था।
-0-
No comments:
Post a Comment