पंजाबी लघुकथा की विकास-यात्रा में पत्रिका ‘मिन्नी’ का विशेष योगदान रहा है। • त्रैमासिक पत्रिका ‘मिन्नी’ का प्रवेशांक अक्तूबर 1988 में प्रकाशित हुआ था। • लघुकथा विधा को समर्पित इस पत्रिका के 83 अंक पाठकों तक पहुँच चुके हैं। • पत्रिका की और से प्रत्येक वर्ष ‘अंतर्राज्यीय लघुकथा सम्मेलन’ का आयोजन किया जाता है। |
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1 comment:
िस जानपहचान के लिये धन्यवाद्
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