श्याम सुन्दर अग्रवाल
रंजना, उसकी प्रेयसी, उसकी मंगेतर दो दिन बाद आई थी। आते ही वह कुर्सी पर सिर झुका कर बैठ गई। इस तरह चुप-चाप बैठना उसके स्वभाव के विपरीत था।
“क्या बात है मेरी सरकार! कोई नाराजगी है?” कहते हुए गौतम ने थोड़ा झुक कर उसका चेहरा देखा तो आश्चर्यचकित रह गया। ऐसा बुझा हुआ और सूजी आँखों वाला चेहरा तो रंजना के सुंदर बदन पर पहले कभी नहीं देखा था। लगता था जैसे वह बहुत रोती रही हो।
“ये क्या सूरत बनाई है? कुछ तो बोलो?” उसने रंजना की ठोड़ी को छुआ तो वह सिसक पड़ी।
“मैं अब तुम्हारे काबिल नहीं रही!” वह रोती हुई बोली।
गौतम एक बार तो सहम गया। उसे कुछ समझ नहीं आया। थोड़ा सहज होने पर उसने पूछा, “क्या बात है रंजना? क्या हो गया?”
“मैं लुट गई…एक दरिंदे रिश्तेदार ने ही लूट लिया…।” रंजना फूट-फूट कर रो पड़ी, “अब मैं पवित्र नहीं रही।”
एक क्षण के लिए गौतम स्तब्ध रह गया। क्या कहे? क्या करे? उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। रंजना का सिर सहलाता हुआ, वह उसके आँसू पोंछता रहा। रोना कम हुआ तो उसने पूछा, “क्या उस वहशी दरिंदे ने तुम्हारा मन भी लूट लिया?”
“मैं तो थूकती भी नहीं उस कुत्ते पर…!” सुबकती हुई रंजना क्रोध में उछल पड़ी। थोड़ी शांत हुई तो बोली, “मेरा मन तो तुम्हारे सिवा किसी और के बारे में सोच भी नहीं सकता।”
गौतम रंजना की कुर्सी के पीछे खड़ा हो गया। उसने रंजना के चेहरे को अपने हाथों में ले लिया। झुक कर रंजना के बालों को चूमते हुए वह बोला, “पवित्रता का संबंध तन से नहीं, मन से है रंजना। जब मेरी जान का मन इतना पवित्र है तो उसका सब कुछ पवित्र है।”
रंजना ने चेहरा ऊपर उठा कर गौतम की आँखों में देखा। वह कितनी ही देर तक उसकी प्यार भरी आँखों में झाँकती रही। फिर वह कुर्सी से उठी और उसकी बाँहों में समा गई।
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11 comments:
“पवित्रता का संबंध तन से नहीं, मन से है
sandesh deti hui racna , badhai
ये तो अच्छा अंत रहा वरना आजकल तो लड़की की अग्निपरीक्षा पहले ली जाती है.....अच्छी लघुकथा के लिए बधाई..
आपकी यह रचना कल के ( 11-12-2010 ) चर्चा मंच पर है .. कृपया अपनी अमूल्य राय से अवगत कराएँ ...
http://charchamanch.uchcharan.com
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सुन्दरता को बयान करती लघुकथा
सुकून देती हुई
कहानी मार्मिक और दिल को छूने वाली है.
बहुत सुन्दर और प्रेरक!
सम्बन्ध तो मन से ही होते हैं!
अच्छी लगी ये लघुकथा
“पवित्रता का संबंध तन से नहीं, मन से है
यही तो पवित्र प्रेम की पवित्रता है………………बहुत सुन्दर्।
बहुत ही अच्छा.....मेरा ब्लागः-"काव्य-कल्पना" at http://satyamshivam95.blogspot.com/ ....आप आये और मेरा मार्गदर्शन करे...धन्यवाद
बहुत ही अच्छा.....मेरा ब्लागः-"काव्य-कल्पना" at http://satyamshivam95.blogspot.com/ ....आप आये और मेरा मार्गदर्शन करे...धन्यवाद
bahut hi khoob...
mere blog par bhi kabhi aaiye
Lyrics Mantra
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