Saturday, 11 September 2010

फोड़ा

जगरूप सिंह किवी

राम गोपाल का बेटा कंवल चार लड़कियों के बाद पैदा हुआ था। इस कारण ही वह सारे परिवार का लाड़ला था। बहुत लाड़-प्यार के कारण कंवल बुरी आदतों का शिकार हो गया। लेकिन इकलौता पुत्र होने के कारण राम गोपाल उसे कुछ न कहता।

एक दिन रामगोपाल की जाँघ पर फोड़ा निकल आया। राम गोपाल के लिए चलना भी कठिन हो गया।

डॉक्टर ने फोड़े को दबा कर मवाद निकाल देने की सलाह दी। लेकिन इससे होने वाले दर्द के बारे में सोचकर रामगोपाल की हिम्मत न होती। मगर जब पीड़ा असहनीय हो गई तो उसने डॉक्टर की सलाह मान ही ली। जहर के बाहर निकल जाने से उसे सुकून का अनुभव हुआ।

उस दिन पहली बार रामगोपाल ने अपने पुत्र को बुलाकर उसकी डाँट-डपट की।

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2 comments:

ब्लॉ.ललित शर्मा said...


वड्डी सोणी लग्गी जी सानु लघु कथा
बेहतरीन लेखन के लिए बधाई और शुभकामनाएं

संडे का फ़ंडा-गोल गोल अंडा

ब्लॉग4वार्ता पर पधारें-स्वागत है।

RAJNISH PARIHAR said...

बेहतरीन लेखन..